भविष्य में AI: क्या यह मानव सोच और समझ की तरह हो सकता है?

5G Kya Hai

AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक विज्ञान और तकनीक का क्षेत्र है जो हमारे समाज और तकनीकी दुनिया को बदलने में तेजी से सहयोग कर रहा है। यह वह क्षेत्र है जो हमारे सोचने और काम करने के तरीकों एवं नजरिए को बदल देता है जिसका प्रभाव हमारे समाज के हर क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है।

AI का उद्गम और विकास केवल कंप्यूटरों के लिए ताकदवर गणना और विशेष तरीके से प्रोग्रामिंग करने की एक कोशिश से नहीं हुआ है। इसके बजाय AI अब स्विनियत्रता और स्वयं सिखने की क्षमता की ओर बढ़ रहा है जिससे यह जानने की क्षमता होती है कि कैसे सोचा जाता है और विचार किसी भी प्रकार की सिक्यूलर लॉजिक में किया जा सकता है।

AI के उद्गम में, प्रारंभ में कंप्यूटर विज्ञान और सॉफ़्टवेयर विकास के क्षेत्र में बहुत सी महत्वपूर्ण यात्राएँ हुईं। ये यात्राएँ इंसानी मानव मंशा को समझने के लिए एक प्रकार के संगठन और अनुसंधान की ओर ले जा रही थी।

लेकिन जैसे-जैसे हमारे ज्ञान और तकनीकी सामर्थ्य विकसित होते गए AI ने अपनी गहरी समझ और सोच की क्षमता को दिखाया यह उद्गम में सांविदानिक स्विनियत्रता का समर्थन करता है जिससे AI आपकी आवश्यकताओं के आधार पर निर्मित हो सकता है और स्वयं सीखने की क्षमता की ओर बढ़ता है।

AI के उद्गम में यह आवश्यक था कि हम यह समझें कि कैसे विचार करने की प्रक्रिया को कंप्यूटरों में स्थापित किया जा सकता है। यह विचार करने की क्षमता कंप्यूटरों को मानवों की तरह सोचने की क्षमता प्रदान करती है जिससे वे हमारे लिए उपयुक्त और सुरक्षित निर्णय ले सकते हैं।

AI के भविष्य को हम और भी अधिक विस्तार से इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे। हम यह भी जानेंगे कि क्या AI मानव सोच, समझ की तरह ही काम कर सकता है एवं इसके साथ ही क्या हम संघर्षों और निष्कर्षों का सामना करेंगे? यह आर्टिकल AI के सामाजिक, नैतिक और प्रौद्योगिकी प्रभाव को भी दर्शाएगा और हमें इस नई दुनिया में एक साथी की तरह काम करने के बारे में तैयार रहने की आवश्यकता को समझेंगे।

AI और मानव सोच:

AI (Artificial Intelligence) और मानव सोच के बीच एक गहरा संबंध है जिसे जांचना हमारे दुनियाई के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो गया है। AI का उद्गम हमारे प्राकृतिक मानव सोच के तरीकों पर सवाल उठाता है और यह क्या संभावना है कि AI काबिले समझ की तरह काम कर सकता है?

AI और मानव सोच के बीच की मुख्य भिन्नता यह है कि AI जानकार डेटा और गणना के माध्यम से काम करता है वहीं पर मानव सोच संवाद, सिक्यूअलर लॉजिक एवं अनुभव के आधार पर काम करता है। मानव सोच स्वयं जानकार अपने समझदारी से नैतिक निर्णय लेने की क्षमता के साथ आता है जो किसी भी सिक्यूअलर लॉजिक से बाहर है।

हालांकि AI बड़ी संख्या में डेटा का विश्लेषण करके पैटर्न में सीख सकता है किंतु इसमें मानव सोच की तरह नैतिक निर्णय लेने की क्षमता नहीं है। यही कारण है की AI को अधिक सामाजिक, नैतिक और दायरिक मामलों में समस्याओं का सामना करने में कठिनाईयां पैदा करता है।

हमारा मानना है कि AI और मानव सोच के संबंध क्षेत्राधिकार में बदलाव ला सकते हैं किन्तु यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि हम नैतिकता, जागरूकता और जिम्मेदारियों के साथ AI का उपयोग करेंगे। और इसके साथ ही हमें मानव सोच की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने की आवश्यकता है और इसे बचाने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि हम एक सही और सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर सकें।

AI के उपयोग क्षेत्र:

AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है और इसका समवायिक और व्यापक तरीके से अनुप्रयोग हो रहा है। यह नई संभावनाओं के रास्ते खोल रहा है और समाज को अधिक उत्कृष्ट बनाने में सहयोग कर रहा है।

5G Kya Hai
5G Kya Hai

1. स्वास्थ्य देखभाल: AI रोगों की पहचान, उपचार एवं रोगों के पूर्वानुमान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके द्वारा विचारशील और उपयुक्त देखभाल के सुझाव दिए जा रहे हैं।

2. स्वच्छ ऊर्जा: AI ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जिससे ऊर्जा उपयोग को कम करने और प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी सहयोग मिल रहा है।

3. विशेषज्ञ सिस्टम: AI स्वचालित और स्वयं सीखने वाले सिस्टम के रूप में उपयोग हो रहा है जैसे कि गाड़ियों के ड्राइवर और रोबोटिक उपकरण आदि।

4. शिक्षा: AI शिक्षा क्षेत्र में भी व्यक्तिगत शिक्षा सीखने की गति को विस्तारित करने के साथ छात्रों को बेहतर समझाने में मदद कर रहा है।

5. विज्ञान और अनुसंधान: वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं के लिए AI डेटा विश्लेषण, पैटर्न पहचान और अद्वितीय समाधान तैयार करने में सहायक हो रहा है।

6. रोबोटिक्स: AI सहयोगिता रोबोटिक्स और स्वच्छता कार्यों में अत्यधिक उपयोग हो रहा है जैसे कि विस्तारित डिलीवरी और स्वच्छता कार्यक्रम आदि।

7. वित्त और वित्तीय सेवाएँ: AI वित्तीय विश्लेषण, वित्तीय समझ और सुरक्षित लेन-देन की व्यवस्था में मददगार साबित हो रहा है।

8. कृषि: AI कृषि क्षेत्रों में फसल की डिगीकल पहचान, प्रबंधन सुझाव और फसल की सुरक्षा के लिए उपयोग हो रहा है।

AI के इन उपयोग क्षेत्रों में इसकी व्यापकता और उपयोगकर्ता दोनों के लिए सुविधाजनक नतीजे हैं जिससे तकनीकी उन्नति और मानव जीवन की गुणवत्ता में तेजी के साथ सुधार हो रहा है।

समाज के प्रभाव:

AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास और प्रयोग से समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है जिसने विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव और सुधार का सुगम माध्यम बना दिया है।

1. रोजगार: AI के आगमन ने रोजगार के क्षेत्र में बदलाव को बढ़ावा दिया है। कुछ कार्यों को ऑटोमेशन के माध्यम से किया जा रहा है जिससे कुछ लोगों के लिए नौकरी की कमी भी हो रही है।

2. शिक्षा: AI शिक्षा के क्षेत्र में अधिक उपयोग हो रहा है लेकिन यह शिक्षार्थियों को व्यक्तिगत और पुरस्कृत शिक्षा प्राप्त करने की संभावनाएं भी उत्पन्न कर रहा है।

3. नैतिकता: AI नैतिकता के प्रश्न उठाता है जैसे कि यह किस प्रकार से स्वयंसेवकता और गोपनीयता को प्रभावित कर सकता है।

4. स्वास्थ्य देखभाल: AI स्वास्थ्य देखभाल में नया दृष्टिकोण प्रदान कर रहा है किंतु इसके साथ ही रोगी और चिकित्सकों के बीच कोई नए संबंधों की चुनौती भी है।

5. सुरक्षा: AI सुरक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जैसे कि सुरक्षा कैमरों, बायोमेट्रिक्स, और साइबर सुरक्षा आदि।

6. सामाजिक संबंध: AI सोशल मीडिया और संबंधों को प्रभावित कर रहा है जिससे जुड़े लोगों के बीच नए प्रकार के संबंध बन रहे हैं

7. जिम्मेदारी: समाज को AI के प्रयोग में सावधान और जिम्मेदार बनने की आवश्यकता है ताकि यह नई तकनीकों का सही और सुरक्षित दिशा में उपयोग कर सके।

AI के सामाजिक प्रभावों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि हम इसका सही और जिम्मेदार तरह से उपयोग कर सकें और समाज को सुधारने के लिए इसका सहारा लेकर बदलाव ला सकें।

5G Kya Hai की शुरुआत कब होगी?

अमेरिकी देशों में यह सेवा इस साल के अंत शुरू हो सकती है। दक्षिण कोरिया के लिए साल तक इसकी शुरुआत कर सकता है अधिकतर देशों में 5जी साल 2020 तक लॉन्च हो जाएगा और आने वाले कुछ सालों में यह सर्विस दुनिया भर के कई देशों में शुरू हो चुकी होगी।

अमेरिकी दूरसंचार कंपनी AT&T ने पहले से ही 5G के नाम से सेवा की टेस्टिंग शुरू कर दी है वही एक और दूरसंचार अमेरिकी कंपनी Sprint भी इस सेवा को शुरू करने की तैयारी में है।

दक्षिण कोरिया और जापान में 4जी नेटवर्क इसलिए वहां 5G का आना आसान होगा। चीन तो इसका ट्रायल भी शुरू कर चुका है। आने वाले समय में जल्दी आपको 5जी सर्विस शुरू होने की खुशखबरी मिल सकती है।

इंडिया में 5g Kab Aayega

आप सोच रहे होंगे कि 5g Kab Aayega भारत में ? तो चलिए मैं आपको इसके बारे में बता देता हूं। 5g Kab Aayega .

सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम के लिए ऑक्शन की तैयारी शुरू कर दी है सरकार ने ट्राई से कहा है कि 3400 से 3600 MHz bands की नीलामी के लिए शुरुआती दाम सुझाए।

ट्राई ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम जल्द ही इस संबंध में एक पॉलिसी भी ला सकता है।

अगर भारतीय दूरसंचार कंपनियों की बात करें तो Reliance Jio और Airtel भी इस सेवा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की तैयारी में है। एक बार नेटवर्क सेट होने के बाद यूजर्स को 5G compatible devices की जरूरत होगी उसके बाद इस 5जी वायरलेस सेवा का लाभ उठाया जा सकेगा।

भारत में इस साल की आखिरी महीने में 5G सेवा को लॉन्च किया जा सकता है। तब तक स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां भी अपने 5G support smartphone को बाजार में पेश कर सकती हैं। संदेह है की 5g Kab Aayega

आपको मैं बता दूं कि भारतीय टेलीकॉम बाजार बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया है कंपनियां मुनाफा नहीं कमा पा रही है ऐसे में नई तकनीक में निवेश करना कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है और वह भारी निवेश करने से बच सकती हैं।

भारतीय टेलीकॉम कंपनियां जानती है कि बाजार में इस समय ग्राहकों को 4G डाटा बहुत सस्ते दामों पर मिल रहा है ऐसे में वो 5G पर अधिक खर्च क्यों करेंगे?

अगर ऐसा होता है तो भारत में 5G सर्विस आने में और भी ज्यादा टाइम लग सकता है और हो सकता है इंडिया में 5जी सर्विस 2022 या 2023 तक आ पायें।

5G Kya Hai Technology के Features

अभी हम कुछ विशेष 5G technology features के संधर्व में जानते हैं. चलिए जानते हैं की आखिर 5G Technology में ऐसे क्या नए features है जो की मेह्जुदा network technology में नहीं है.

  • इसमें Up to 10Gbps data rate का होना. इसके साथ 10 to 100x की rate में network improvement होना 4G और 4.5G networks की तुलना में.
  • 1 millisecond latency का होना
  • इसमें 1000x bandwidth per unit area का होना
  • इसमें हम Up to 100x number के connected devices per unit area (अगर हम 4G LTE के साथ तुलना करें) तक connect कर सकते हैं
  • ये सभी time available होता है. इसलिए इसकी 99.999% तक availability है
  • इसके अलावा ये 100% coverage प्रदान करता है
  • ये energy save करने में काफी मदद करता है. जिसके चलते ये लगभग 90% तक network energy usage कम करने में मदद करता है
  • इसमें आप low power IoT devices जो की करीब 10 सालों तक आपको power प्रदान कर सकती है का इस्तमाल कर सकते हैं
  • इसमें High increased peak bit rate होती है
  • ज्यादा data volume per unit area (i.e. high system spectral efficiency) होती है
  • ज्यादा capacity होती है जो की इसे ज्यादा devices के साथ concurrently और instantaneously connect होने में मदद करती है
  • ये Lower battery consumption करती है
  • ये बेहतर connectivity प्रदान करती है किसी भी geographic region की अगर आप बात करें तब
  • ये ज्यादा नंबर की supporting devices को support कर सकती है
  • इसमें infrastructural development करने में काफी कम लागत लगती है
  • इसके communications में ज्यादा reliability होती है

5g Kya Hai के फायदे – Advantages

5G नेटवर्क का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन मिलेगा नेटवर्क प्रॉब्लम की वजह से देरी से होने वाले काम जल्द होने में आसानी होगी।

  • 5G वाले सेवा से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।
  • 5g Kya Hai से 3 घंटे की फिल्म 1 से 5 सेकंड में ही डाउनलोड हो जाएगी।
  • शहरों को नेटवर्क कनेक्टिविटी के माध्यम से स्मार्ट बनाया जा सकेगा।
  • ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीम प्लेटफॉर्म्स (YouTube, Hotstar, Netflix इत्यादि) पर यूजर्स बिना बफरिंग के वीडियो देख सकेंगे।
  • ऑनलाइन कंटेंट या वीडियो डाउनलोड अपलोड करने में कम समय लगेगा।
  • इसके माध्यम से सभी नेटवर्क्स को एक ही प्लेटफार्म पर लाया जा सकता है।
  • इसे previous generation के साथ आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
  • इस टेक्नोलॉजी से पूरी दुनिया में uniform, uninterrupted और consistent तरीके से कनेक्टिविटी प्रदान किया जा सकता है।
  • अंतरिक्ष, गैलेक्सी और दूसरे ग्रह को देखने बहुत ही आसान हो जाएगा।
  • भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में पहले से ही पता लगाया जा सकेगा।
  • इससे एजुकेशन बहुत ही आसान हो जाएगा क्योंकि कोई भी स्टूडेंट बिना किसी परेशानी के दुनिया के किसी भी छोर से ज्ञान प्राप्त कर सकेगा।
  • आप के लिंक पर क्लिक करने के बाद पलक झपकते ही वेबसाइट ओपन हो जाएगी।
  • सबसे बड़ा फायदा यह है कि हाई स्पीड की जरूरत वाले काम आसान हो जाएंगे।

5g के नुकसान – Disadvantages

यह तो हम सबको पता है कि अगर किसी चीज से फायदा होता है तो उसके नुकसान भी होते हैं। आइए जानते हैं 5g Kya Hai से होने वाले नुकसान के बारे में,

  • 5G में जो स्पीड प्रदान करने की बात की जा रही है उसे अचीव करना मुश्किल प्रतीत होता है
  • इससे infrastructures को डाउनलोड करने में बहुत ज्यादा पैसा लगेगा।
  • इसमें के सिक्योरिटी और प्राइवेसी से रिलेटेड issue है जिन्हें अभी तक solve नहीं किया गया है।
  • बहुत सारे पुराने डिवाइस इस नई टेक्नोलॉजी के साथ कंफर्टेबल नहीं है जिसके चलते उन्हें बदलना पड़ेगा जिस से बहुत नुकसान होगा।
  • अगर आपका मोबाइल 5G सपोर्ट नहीं करता है तो आपको नया मोबाइल खरीदना होगा।
  • 5G की टेक्नोलॉजी अभी भी अंडर प्रोसेस है और इसके पीछे रिसर्च जारी है पता नहीं इस को आने में कितना टाइम लगेगा।

आज के समय में ऐसे बहुत से देश है जहां की अभी तक 2G और 3G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है और लोगों को अभी वहां 4G के बारे में भी नहीं पता है।

डेवलपमेंट का कोई भी क्षेत्र हो उसके सामने बहुत सारे चैलेंज होते हैं। 5G टेक्नोलॉजी के सामने भी बहुत सारे technology challenges और common challenges है।

5G की स्पेक्ट्रम बैंड क्या है

5G नेटवर्क्स 3400 MHz , 3500 MHz और 3600 MHz बैंड्स पर रन करते हैं। 3500 MHz बैंड को आदर्श माना जाता है। मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम 5G में अहम भूमिका निभा सकता है। इन्हें मिलीमीटर वेव्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनकी लेंग्थ 1 से 10 mm होती है। मिलीमीटर तरंगें 30 से 300 GHz फ्रिक्वेंसीज़ पर काम करती हैं। अभी तक इन तरंगों को सैटलाइट नेटवर्क्स और रडार सिस्टम्स में इस्तेमाल किया जा सकता है।

अगर 5G में मिलीमीटर वेव्स इस्तेमाल की जाती हैं तो इसका श्रेय सर जगदीश चंद्र बोस को भी जाएगा। उन्होंने 1895 में ही दिखाया था कि इन वेव्स को कम्यूनिकेशन के लिए यूज किया जा सकता है।

5g के Applications

चलिए जानते हैं कुछ significant applications के विषय में

  • ये पूरी दुनिया के लिए एक unified global standard बन सकता है.
  • इसके द्वारा Network availability चारों तरफ होगी जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस बेहतरीन technology का इस्तमाल कर सकेंगे कभी भी और कहीं भी.
  • इसमें IPv6 technology होने के कारण, mobile की IP address को उनके connected network और geographical position के हिसाब से प्रदान किया जायेगा.
  • ये पूरी दुनिया को एक real Wi Fi zone में तब्दील कर देने की क्षमता रखता है.
  • इसके cognitive radio technology के माध्यम से radio technologies के अलग अलग version समान spectrum को efficiently इस्तमाल कर सकते हैं.
  • इस technology के माध्यम से higher altitude के लोग बड़े आसानी से radio signal की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं.

5g के मुख्य Challenges

5g Kya Hai – किसी भी नयी development का एक बहुत बड़ा हिस्सा है Challenges का होना. क्यूंकि इन challenges के होने से ही technology और भी बेहतर बन सकती हैं. सभी technology के जैसे ही 5G में भी बहुत बड़े बड़े challenges मेह्जुद हैं. हमने पिछले कुछ सालों में देखा की कैसे radio technology ने fast growth करी है. शुरुवात 1G से 5G तक, ये सफ़र केवल 40 वर्षों का ही है (1G सन 1980s में और 5G जो की आने वाला है सन 2020 में). लेकिन इस सफ़र में हमने कुछ common challenges भी observe किया है जैसे की infrastructure, research methodology, और cost की कमी.

आज के दोर में ऐसे बहुत से देश है जहाँ की अभी तक भी 2G और 3G technologies का इस्तमाल होता है और लोग वहां अभी तक भी 4G के विषय में नहीं जानते हैं, ऐसे condition में, जो सवाल सभी के दिमाग में है वो ये की −

  • ये 5G कितनी दूर viable होगी?
  • क्या इस technology के माध्यम से कुछ developed countries और developing countries भी लाभान्वित होंगे?
    इन्ही सवालों को बेहतर समझने के लिए 5G के challenges को two headings में विभाजित कर दिया गया है −

1. Technological Challenges
2. Common Challenges

5g Technological Challenges

1.  Inter-cell Interference – ये एक बहुत ही बड़ा technological issues है जिसे की जल्द solve करना होगा. चूँकि traditional macro cells और concurrent small cells के size में बहुत फरक है इसलिए ये आगे चलकर interference पैदा कर सकता है.

2.  Efficient Medium Access Control – ऐसे situation में, जहाँ की dense deployment of access points और user terminals की reqirement होती है, वहां user की throughput low होगी, latency high होगी, और hotspots competent नहीं होगी cellular technology के साथ ज्यादा throughput प्रदान करने के लिए. इसलिए इसे ठीक ढंग से researched करना जरुरी है इस technology को optimize करने के लिए.

3.  Traffic Management – Cellular networks में ज्यादा human traffic के होने से और ज्यादा number के Machine to Machine (M2M) devices के एक ही cell में होने से ये एक serious system challenges पैदा कर सकता है जो की है radio access network (RAN) challenges, जो की बाद में overload और congestion पैदा कर सकता है.

5g Common Challenges

1.  Multiple Services – दुसरे radio signal services, के मुकाबले 5G को बड़े task करना होता है जैसे की heterogeneous networks, technologies, और devices operating जो की अलग अलग geographic regions में काम करते हैं. इसलिए जो challenge है वो ये की लोगों की dynamic, universal, user-centric, और data-rich wireless services प्रदान करना होता है वो भी standard तोर से.

2.  Infrastructure – Infrastructure की कमी के कारण Researchers को कई technological challenges of standardization और 5G services के application में कमी जैसे असुविधा का सामना करना पड़ता है.

3.  Communication, Navigation, & Sensing – ये services ज्यादा depend करती है availability of radio spectrum पर, जिसके माध्यम से signals को transmit किया जाता है. चूँकि 5G technology के पास strong computational power होता है बड़े volume के data जो की अलग अलग और distinct sources से आता है उन्हें process करने के लिए, लेकिन इसके लिए बड़ी infrastructure support की जरुरत होती है.

4.  Security and Privacy – ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण challenge हैं जिसे की 5G को ख़ास ध्यान देना चाहिए जिससे लोगों के personal data को protect किया जा सके. 5G को कई दुसरे security threats जैसे की trust, privacy, cybersecurity का भी ख़ास ध्यान देना पड़ेगा क्यूंकि ये threats पूरी दुनियाभर में लगातार बढती ही जा रही है.

5.  Legislation of Cyberlaw − Cybercrime और दुसरे fraud भी बढ़ेंगे high speed और ubiquitous 5G technology के होने से. इसलिए Cyberlaw को ठीक ढंग से implement करना भी बहुत ही जरुरी है.

5G का Future Scope

बहुत सारे researches और discussions पूरी दुनियाभर में चल रही है विश्व के प्रसिद्ध technologists, researchers, academicians, vendors, operators, और governments के बिच 5G के innovations, implementation, viability, और security concerns को लेकर. 5g Kab Aayega

जैसे की बताया गया है की 5G में ऐसे बहुत सारे बहुत सारे features मेह्जुद हैं जो की बेहतरीन services प्रदान करेंगी. लेकिन एक सवाल जो सबके मन में जरुर होगा की जहाँ previous technologies (4G और 3G) अभी भी under process और बहुत से parts में अभी तक भी शुरू नहीं हुए हैं; ऐसे में 5G का future क्या है?

5th generation technology को ख़ास इसीलिए design किया गया है ताकि वो incredible और remarkable data capabilities, unhindered call volumes, और immeasurable data broadcast इस latest mobile operating system के माध्यम से कर सके. इसलिए ये ज्यादा intelligent technology है, जो की पूरी दुनिया को interconnect करने में सहायक सिद्ध होगा. इसीतरह हमारे दुनिया को universal और uninterrupted access to information, communication, और entertainment मिलेगी जिससे ये हमारे जीवन में एक नयी dimension का द्वार खोलेगी और ये हमारे life style और बेहतर और meaningful बनाएगी.

इसके साथ governments और regulators भी इस technology का इस्तमाल good governance और बेहतर healthier environments create करने के लिए कर सकेंगे. इससे एक बात तो साफ़ है की 5G के विस्तार में लोगों का सही मनोभाव इसे और भी अधिक बेहतर बनाने में सहायक होगा.

निष्कर्ष

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को 5g Kya Hai? और ये 5g Kab Aayega? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को 5g Kya Hai (What is 5G in Hindi) के बारे में समझ आ गया होगा.

मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और और जानकरी भी मिलेगी की  5g Kab Aayega.

लेखक: संपादकीय कर्मचारी

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